GSEB Solutions for ધોરણ ૦૯ Gujarati

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देहमंदिर, चित्तमंदिर एक ही है ______ | (प्रार्थना, आराधना)

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જવાબ : देहमंदिर, चित्तमंदिर एक ही है प्रार्थना |


दुःखियारो का दुःख जाए है यही _____ | (मनकामना, संवेदना)

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જવાબ : दुःखियारो का दुःख जाए है यही मनकामना |


कवि कैसे “मांगल्य” की आराधना करते है ? पांच- छ वाक्यों में जवाब दीजीये.

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જવાબ : “मांगल्य” अर्थात सबका कल्याण | कवि चाहते हे कि सब लोग सत्य के मार्ग पर चले, सबके मन में सुन्दर विचार आऍ और सब एक-दुसरे के कल्याण की बात सोचे.       इस तरह कवि सबके कल्याण की कामना करते हुए मांगल्य की आराधना करते हे |


कवि के अनुसार किसके दुःख दूर होने चाहिये ? पांच- छ वाक्यों में जवाब दीजीये.

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જવાબ : कवि के अनुसार लोगो के जीवन में तरह-तरह के दुःख हे | इन दुखो से छूटकारा पाने का उन्हें कोई मार्ग नहीं सूझता | उन्हें दूसरो की सहानुभूति भी नहीं मिलती | वे स्वयं अपने दु:खो से मुक्त नहीं हो सकते | इसे उपेक्षित और असहाय लोगो के दुःख दूर होने चाहीए |


कवि की क्या अभ्यर्थना है ? पांच- छ वाक्यों में जवाब दीजीये.

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જવાબ : कवि चाहते हे की मनुष्य के जीवन में नया प्रकाश आए | वह नयी चेतना का अनुभव करे | उसके ह्रदय में सुन्दर और नए विचार हो | उसकी सभी आशाएं पूरी हो | वह मनुष्यता की पूजा करे | सब लोग धीर-वीर बने |


कवि भेदों का नाश करने की क्या बात करते हे ? पांच- छ वाक्यों में जवाब दीजीये

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જવાબ : संसार में विज्ञान ने बहुत उन्नति कर ली हे, फिर भी दुनिया में ऊच-नीच, जाती-पाती, अमिर-गरीब आदि कई भेद है | इन भेदभावो के कारण मानव-समाज में ईर्ष्या-द्रेश और संघर्ष है | इनके कारण मानव-एकता में बाधाए आती है और हमारा विश्वबंधुत्व का सपना पूरा नहीं होता | इसलिए कवि इन भेदों को नाश करने की बात करते है |


कवि संवेदना किसके लिए जगाना चाहते है ?

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જવાબ : संवेदना के बिना हमे दूसरो की वेदना का अनुभव नहीं हो सकता | इसलिए कवि संवेदना जगाना चाहते है |


“मानवता की हो उपासना” का अर्थ बताओ.

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જવાબ : लोग एकदूसरे की पीड़ा समजे और उसे दूर करने का प्रयास करे | यही “मानवता की उपासना” है |


कवि नित्य कैसी आराधना करना चाहते है बताओ.

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જવાબ : कवि नित्य ऐसी आराधना चाहते है जिसमे सत्य, सुंदर और मांगल्य की भावना हो |


कवि की क्या मनोकामना है ?

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જવાબ : दुःखी लोग दुःखो से मुक्त हो, ऐसी मनोकामना कवि चाहते है |


कवि दुर्बलो के रक्षणार्थ किसकी साधना करना चाहते है ?

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જવાબ : कवि दुर्बलो के रक्षणार्थ पौरुष की साधना करना चाहते है |


कवि किसकी अभ्यर्थना करते है बताओ.

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જવાબ : कवि सबके जीवन मे नया प्रकाश आने की अभ्यर्थना करते है |


कवि कैसी बंधुता की कामना करते है बताओ.

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જવાબ : कवि ऐसी बंधुता की कामना करते है जिसमे सब स्वतंत्र होकर भी भाईचारा की भावना से जुड़े हो |


देहमंदिर, चित्तमंदिर, एक ही है प्रार्थना | सत्य-सुन्दर, मांगल्य की नित्य हो आराधना || निम्नलिखित काव्य का अर्थ स्पष्ट कीजिये.

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જવાબ : कवि वसंत बापट बहुत ही उदारह्रदय और ऊँची द्रष्टि के कवि है | उनके चित्त और देह की बस एक ही प्रार्थना है की लोग अच्छे कर्म करे | सत्य के मार्ग पर चले | उनके ह्रदय में सुभ और सुंदर भावनाऐ हो |


भेद सभी अस्त होवें, वैर और वासना |

मानवो की एकता की पूर्ण हो कल्पना ||

मुक्त हम, चाहें एक ही बंधुता की कल्पना ||

निम्नलिखित काव्य का अर्थ स्पष्ट कीजिये.

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જવાબ : आज संसार में वर्ण-भेद, जाती-भेद, रंग-भेद आदि कई भेद बने हुए है | ईर्ष्या-द्वेष के कारण ऊँच-नीच का अंतर बना है | इसलिए मानवजाती में एकता नहीं है | संसार में अशांति और संघर्ष का कारण ये तरह-तरह के भेद ही है | जब तक इन भेदों का नाश नहीं होगा, तब तक मनुष्यजाती एक नहीं होगी |


देह्मंदिर, चिमंदिर, एक ही है ........ पौरुष की साधना || निम्नलिखित काव्य पंक्तियो को पूर्ण कीजिये.

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જવાબ : देह्मंदिर, चित्तमंदिर, एक ही है प्रार्थना | सत्य-सुन्दर, मांगल्य की नित्य हो आराधना || दु:खीयारो का दुःख जाए, है यही मनकामना | वेदना को परख पाने जगाऐ संवेदना || दुर्बलो के रक्षणार्थ पौरुष की साधना ||


जीवन में नवतेज हो ...... बंधुता की कामना || निम्नलिखित काव्य पंक्तियो को पूर्ण कीजिये.

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જવાબ : जीवन में नवतेज हो, अतरंग में भावना | सुन्दरता की आस हो मानवता की हो उपासना || शौर्य पांवे, धैर्य पांवे, यही है अभ्यर्थना | भेद सभी अस्त होंवे, बैर और वासना || मानवो की एकता की पूर्ण हो कल्पना | मुक्त हम, चाहें एक ही बंधुता की कामना ||


कवि सबका ____ चाहते है | (कल्याण, आशीर्वाद)

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જવાબ : कवि सबका कल्याण चाहते है |


मानवो की एकता की ____ पूर्ण हो तो अच्छा | (कल्पना, भावना)

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જવાબ : मानवो की एकता की भावना पूर्ण हो तो अच्छा |


दुःख में ____ की सहानुभूति भी नहीं मिलती | (दूसरो, अपनों)

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જવાબ : दुःख में दुसरो की सहानुभूति भी नहीं मिलती |


निचे दिए गए विधान सही है या गलत बताइए.

कवि चाहते है की लोगो के जीवने में नया प्रकाश आए |

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જવાબ : यह विधान सही है |


निचे दिए गए विधान सही है या गलत बताइए.

सब असत्य के मार्ग पर चले एसी कवि की आराधन है |

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જવાબ : यह विधान गलत है |


निचे दिए गए विधान सही है या गलत बताइए.

दुःखी लोगो को किसी की सहानुभूति नहीं मिलती |

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જવાબ : यह विधान सही है |


निचे दिए गए विधान सही है या गलत बताइए.

दुनिया में केवल ऊँच-नीच के भेदभाव है |

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જવાબ : यह विधान गलत है |


कवि लोगो को कोनसे मार्ग पर चलने को कहते है ?

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જવાબ : सच्चाई या सत्य के मार्ग पर.


दुःखी लोगो को किससे छुटकारा दिलाने की कवि प्रार्थना करते है?

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જવાબ : दुःखो से


सब लोग किसकी पूजा करे ऐसी कवि प्रार्थना करते है?

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જવાબ : मानवता की


मनुष्य-मनुष्य के बिच क्या समाप्त होने की कवि कामना करते है बताओ.

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જવાબ : भेदभाव


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