જવાબ : अपने राज्य को अपराधमुक्त करने के लिए सम्राट अशोक को एक सुयोग्य न्यायमंत्री की आवश्यकता थी | न्यायमंत्री की खोज के लिए उन्होंने एक परदेशी नवयुवक का वेश धारण किया | घूमते-घूमते वे ब्राह्मण शिशुपाल के यहाँ पहोंचे | शिशुपाल न्याय प्रेमी था | न्याय किसे कहेते हे, यह देखने के लिए उसे अवसर की तलाश थी | सम्राट अशोक ने उसे अवसर दिया | हत्या का अपराध होने पर शिशुपाल ने निष्पक्ष व्यवहार किया | उसने सम्राट को मृत्युदंड देने की घोषणा की | उसके इस साहस और निष्पक्ष व्यवहार से सम्राट से प्रसन्न हो गए | इस प्रकार सम्राट अशोक ने सही न्यायमंत्री की खोज की |
જવાબ : सम्राट अशोक ने शिशुपाल को अपने दरबार में बुलाया | उन्होंने शिशुपाल से कहा की, मै आपको न्याय करने का अवसर देना चाहता हूँ | शिशुपाल भी इस अवसर के लिए तैयार था | यह जानकार सम्राट ने उन्हें न्यायमंत्री बनाया और पहेचानने के लिए उसे राजमुद्रा दी |
જવાબ : न्यायमंत्री बनते ही शिशुपाल ने अपनी कुशलता का परिचय दिया | उन्होंने राज्य को अपराध रहित बनाना शुरु कर दिया | उनके सुप्रबंध का अच्छा असर हुआ | राज्य में पूरी तरह शांति रहने लगी | किसी को किसी प्रकार का भय नहीं रहा | लोग अपने घर के दरवाजे खुले छोड़कर बाहर जाने लगे | चारोतरफ न्यायमंत्री के सुप्रबंध और न्याय की धूम मच गई | इस प्रकार शिशुपाल के न्यायमंत्री बनते ही राज्य की परिस्थितिया बदल गयी |
જવાબ : सम्राट अशोक ने शिशुपाल को न्याय का असली रूप दिखने का अवसर दिया था | उन्होंने देखा की शिशुपाल न्याय की कसौटी पर खरा उतरा था | हत्यारे सम्राट के प्रति उसने जरा भी नरम रुख नहीं अपनाया | उसने अपराधी सम्राट को मृत्युदंड देने की घोषणा की | दंड समय शीशुपाल ने जरा भी हीचकिचाट नहीं दिखाई | अपने साहसपूर्ण और निष्पक्ष व्यवहार में उसने सम्राट का दिल जित लिया | इस प्रकार न्यायमंत्री के रूप में शिशुपाल को सफल होते देखकर सम्राट अशोक गद गद हो गए |
જવાબ : सम्राट अशोक ने एक राजकर्मचारी की हत्या की थी | इस अपराध के लिए न्यायमंत्री ने उन्हें मृत्युदंड देने की घोषणा की | परन्तु अपराधी और कोई नहीं सम्राट थे | शास्त्रों में राजा को इश्वरस्वरूप माना गया है | इसलिए उसे केवल इश्वर ही दंड दे सकता है | न्यायमंत्री ने सम्राट की जगह उनकी सोने की मूर्ति को फाँसी पर लटका दिया | इस प्रकार न्यायमंत्री ने अपराधी सम्राट के जीवन की रक्षा की |
જવાબ : न्यायमंत्री शिशुपाल कसौटी पर खतरे उतरे थे | सम्राट अशोक ऐसे व्यक्ति को पाकर गद् गद हो गये | लोगो ने भी शिशुपाल का न्याय सुनकर उनकी जय-जयकार की | परन्तु शिशुपाल को लगा की न्यायमंत्री की यह जिम्मेदारी उनसे नहीं संभाली जायेगी | उन्होंने सम्राट से राजमुद्रा वापस लेने की प्रार्थना की | परन्तु अशोक ने कहा की उन्होंने अपने न्यायपूर्ण व्यवहार से उनकी आँखे खोल दी है | यह जिम्मेदारी उनके सिवाय कोई और नहीं उठा सकता | सम्राट के इस आग्रह को देखकर न्यायमंत्री निरुत्तर हो गऐ |
જવાબ : शिशुपाल ने परदेशी से कहा की सम्राट अशोक के शासन में चारो तरफ अन्याय हो रहा है | शिशुपाल की इस बात से परदेशी सहमत नहीं हुआ |
જવાબ : सम्राट अशोक शिशुपाल को न्याय करने का अवसर देना चाहते थे | शिशुपाल को राज्य का न्यायमंत्री बनाने के लिए सम्राट अशोक ने उसे दरबार में बुलाया |
જવાબ : न्यायमंत्री ने सम्राट को फांसी की सजा दी | परन्तु उनके स्थान पर सोने की मूर्ति को फांसी पर लटका देने का आदेश दिया |
જવાબ : एक अतिथि को शाम के अँधेरे में आश्रय के लिए आया देखकर शिशुपाल ने अपने घर का दरवाजा खोल दिया |
જવાબ : शिशुपाल सच्चा न्याय केसा होता है यह दिखने के अवसर की तलाश में था |
જવાબ : शिशुपाल मानता था की न्याय ऐसा हो की कोई और अन्याय करने का साहस न कर सके |
જવાબ : परदेशी स्वयं सम्राट अशोक था | दुसरे दिन सुबह उठकर परदेशी ने शिशुपाल को धन्यवाद देकर उससे विदा ली |
જવાબ : सम्राट अशोक ने शिशुपाल को न्यायमंत्री के पद पर नियुक्ति के रूप में राजमुद्रा दी |
જવાબ : शिशुपाल के न्यायमंत्री बनते ही राज्य में पूरी तरह शांति रहने लगी, किसी को किसी प्रकार का भय न रहा |
જવાબ : पहेरेदार की हत्या होने पर शिशुपाल की नींद उड़ गई और अपराधी का पता लगाने के लिए उन्होने दिन-रात एक कर दिए |
જવાબ : सम्राट ने पहेरेदार को मारने का कारण बताते हुए कहा की वह बहुत उद्दंड था |
જવાબ : अपराधी का पता चलने पर शिशुपाल ने सम्राट अशोक को गिरफ्तार करने का आदेश दिया |
જવાબ : शास्त्रों मे राजा को इश्वर का रूप बताया है |
જવાબ : यह विधान शिशुपाल अपने द्वार आये परदेशी युवक से कहेता है | क्योंकि, यह अतिथि का सत्कार करना अपना कर्तव्य समझता है |
જવાબ : यह वाक्य परदेशी युवक (सम्राट अशोक) शिशुपाल से कहेता है | क्योंकि, शिशुपाल उससे सम्राट अशोक के राज्य में हो रहे अन्याय की शिकायत करता है |
જવાબ : यह वाक्य शिशुपाल परदेशी नवयुवक से कहेता है | क्योंकि, परदेशी नवयुवक उससे राज्य को अपराधमुक्त करने का वचन लेना चाहता है |
જવાબ : यह वाक्य न्यायमंत्री शिशुपाल सम्राट अशोक से कहेता है | क्योंकि, उसने पहरेदार की हत्या की थी |
જવાબ : यह वाक्य न्यायमंत्री शिशुपाल सम्राट अशोक से कहेता हैं | क्योंकि, उसे लगता हैं की यह न्यायमंत्री की जिम्मेदारी नहीं संभाल पायेगा |
જવાબ : मैं न्यायमंत्री होता तो वही करता जो शिशुपाल ने किया |
જવાબ : सम्राट अशोक की आँखे खुल गई क्योंकि, शिशुपाल ने उसे दिखा दिया की सच्चा न्याय किसे कहते है |
જવાબ : शिशुपाल ने सम्राट अशोक को पहेरेदार की हत्या का अपराधी बताया | उसने सम्राट को मुर्त्युदंड देने में जरा भी झिझक नहीं दिखाई | उसकी इस निष्पक्षता औए निडरता के कारण सम्राट अशोक ने उसके साहस की प्रशंसा की |
જવાબ : हथकड़ी
જવાબ : इश्वर
જવાબ : राजमुद्रा
જવાબ : चेतावनी
જવાબ : न्याय
જવાબ : यह वाक्य सही है |
જવાબ : यह वाक्य गलत है |
જવાબ : यह विधान सही है |
જવાબ : स्वयं सम्राट अशोक
જવાબ : शिशुपाल को
જવાબ : पहेरेदार की
જવાબ : फांसी की
समान अर्थी शब्द
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(1) अवस्था – दशा
(2) अतिथि – महेमान
(3) सुगम – सरल
(4) कठिन – मुश्किल
(5) उद्दंड – अविवेकी
(6) हेरान – चकित
(7) नि:स्तब्धता – शांति
(8) निरुत्तर – खामोश
विरोधी शब्द
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(1) परदेशी × स्वदेशी
(2) आदर × अनादर
(3) अपराधी × निरपराधी
(4) सुप्रबंध × कुप्रबंध
(5) गिरफ्तार × रिहा
(6) स्वीकार × अस्वीकार
(7) आरम्भ × अंत
(8) उद्दंड × विनम्र
वाक्य में से विशेषण बताइए |
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(1) उसने अपराधी सम्राट को मृत्यदंड देने की घोषणा की |
उत्तर: अपराधी
(2) न्यायमंत्री राज्य की आंतरिक व्यवस्था ठीक करना चाहता था |
उत्तर: आंतरिक
(3) न्यायमंत्री की न्याय देने की प्रक्रिया प्रशंसनीय थी |
उत्तर: प्रशंसनीय
(4) शिशुपाल से निर्भय होकर न्याय किया |
उत्तर: निर्भय
(5) सम्राट के प्रति उसने जरा भी नरम रुख नहीं अपनाया |
उत्तर: नरम
दिए गए वाक्य में से कर्तुवाचक संज्ञा पहेचानिए |
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(1) सम्राट ने पहरेदार को मारने का कारण बताया |
उत्तर: पहरेदार
(2) न्यायमंत्री शिशुपाल सम्राट अशोक का सेवक था |
उत्तर: सेवक
(3) मंत्री महादेव स्वयं निर्णायक नहीं हो सकते |
उत्तर: निर्णायक
(4) वह सम्राट के सामने राजमुद्रा वापस लेने के लिए प्रार्थी बनकर खड़ा था |
उत्तर: प्रार्थी
(5) उसने मूर्तिकार को बुलाकर सोने की मूर्ति बनवाई |
उत्तर: मूर्तिकार
दिए गये वाक्य के लिए शब्द-समूह के लिए एक शब्द बताइए |
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(1) शासन की निशानी |
उत्तर: राजमुद्रा
(2) जिसकी आने की तिथि निश्चित नहीं हे वो |
उत्तर: अतिथि
(3) अची तरह से किया हुआ |
उत्तर: समुचित
(4) अच्छी व्यवस्था |
उत्तर: सुप्रबंध
दिए गये मुहावरे का अर्थ देकर वाक्य में प्रयोग कीजिए |
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(1) डंका बजाना – सुप्रसिद्ध होना |
वाक्य : नए पुलिस कमिश्नर ने कुछ ही दिनों में राज्य में अपनी कर्तव्यनिष्ठा का डंका बजा दिया |
(2) सहम जाना – भयभीत हो जाना |
वाक्य : अपने घर पर पुलिस को आई देखकर में सहम गया |
(3) कलेजा धडकना – चिंतित होना |
वाक्य : पड़ोस में गोलियों की आवाज सुनकर चौधरी का कलेजा धडकने लगा |
(4) धूम मचाना – सुप्रसिध्ध हिना |
वाक्य : संगीत इतना मधुर था की नौशाद के नाम की धूम मच गई |
(5) नींद उड़ जाना – बहुत चिंतित होना |
वाक्य : पुलिस के आने की खबर सुनकर शेठजी की नींद उड़ गई |
(6) आश्चर्य का ठिकाना न रहना – बहुत आश्चर्य होना |
वाक्य : छोटे लड़के को संस्कृत के श्लोक बोलते देखकर मेरे आश्चर्य का ठिकाना न रहा |
(7) रात-दिन एक करना – कड़ी महेनत करना |
वाक्य : परीक्षा में सफल होने के लिए उसने रात-दिन एक कर दिए |
(8) होठ काटना – श्रोभ प्रकट करना |
वाक्य : अपने सामने मुनीमजी को गुस्सा प्रकट करते देख शेठजी होंठ काटकर रह गये |
(9) सर झुकाना – लज्जित होना |
वाक्य : सबुत पेश करने पर अपराधी ने सिर झुका लिया |
(10) गदगद होना – भाव विभोर होना |
वाक्य : बेटे को प्रथम पुरस्कार मिलने पर पिता का ह्रदय गदगद हो गया |
(11) आँख खोल देना – सही परिस्थिति समझाना, सच्चाई का ज्ञान कराना |
वाक्य : संत ने अपने प्रवचन से लोगो की आँखे खोल दी |
दिए शबदो के उपसर्ग बताइए |
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(1) अतिथि - अ + तिथि
(2) स्वागत - सु + आगत
(3) असाधारण - अ +साधारण
(4) निष्पक्ष - निस + पक्ष
(5) अन्याय - अ + न्याय
(6) खुशनसीबी - खुश + नसीबी
(7) सुप्रबंध - सु + प्रबंध
(8) समुचित – सम + उचित
(9) सुप्रसिध्ध – सु + प्रसिध्ध
(10) प्रसिध्ध – प्र + सिध्ध
(11) उपस्थित – उप + स्थित
(12) अविवेक – अ + विवेक
(13) परदेश – पर + देश
(14) नि:स्तब्ध – नि: (निस) + स्तब्ध
(15) सुगम – सु + गम
(16) परदेशी – पर + देशी
(17) निपराध – नि: + अपराध
(18) अस्वीकार – अ + स्वीकार
(19) विनम्र – वि + नम्र
(20) निर्भय – नि: + भय
दिए गये शब्द के प्रत्यय बताइए |
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(1) अपराधी – अपराध + ई
(2) पहरेदार – पहरा + दार
(3) निष्पक्षता – निष्पक्ष + ता
(4) शिशुपाल – शिशु + पाल
(5) खुशनसीबी – खुशनसीब + ई
(6) जिम्मेदारी – जिम्मेदार + ई, जिम्मा + दारी
(7) अविवेकी – अविवेक + ई
(8) निडरता – निडर + ता
(9) प्रशंसनीय - प्रशंसा + निय
(10) आतंरिक – अंतर + इक
(11) मूर्तिकार – मूर्ति + कार
(12) प्रार्थी – प्रार्थ + ई
હિન્દી
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