GSEB Solutions for ધોરણ ૧૦ Hindi

GSEB std 10 science solution for Gujarati check Subject Chapters Wise::

सबकी नजर बचाकर खरहा कहाँ रहता था?

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જવાબ : झाड़ी में


खरहा क्‍यों भागा?

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જવાબ : शिकारी कुत्ता पीछे पड़ा था।


कुत्ता खरहे को क्‍यों न पकड़ पाया?

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જવાબ : खरहा अपनी जान बचाने के लिए भाग रहा था।


कुत्ते और खरहे के बीच कहाँ दौड़ जारी थी?

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જવાબ : खुले खेतमें


दौड़ के दौरान क्‍या सामने आ गया ?

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જવાબ : घनी कंटीली ज़ाडी


शिकारी कुत्ता वनमें क्या करने लगा ?

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જવાબ : वनकी ज़ाडी सूंघ-सूंघकर छानने लगा


वनमें क्या था ?

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જવાબ : जुरमुट


दूर से लोगोंको देखकर खरहा क्या करता था ?

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જવાબ : जुरमुट में छिप जाता था


कुत्ते को देखकर खरहे ने क्या किया ?

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જવાબ : खरहा जान बचाकर भागा


कंटीली ज़ाडी सामने आनेपर खरहेने क्या किया ?

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જવાબ : छलांग लगाकर बीहड़ वन में छिप गया


जुरमुट में कौन रहता था ?

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જવાબ : खरहा


खरहा क्या खाता था ?

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જવાબ : घास की फुनगियाँ


एक दिन वनमें कौन आया ?

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જવાબ : शिकारी कुत्ता


सब शास्त्र अपनी जान बचाने के बारे में क्या कहते हैं ?

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જવાબ : अपनी सारी शक्ति लगाकर अपने प्राण बचाओ


कौन कुत्ते और खरहे के बिच की भागा दौड़ी देख रहा था ?

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જવાબ : लौमड़ी


हमें इस कविता से क्या सीख मिलती है?

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જવાબ : जब अपने प्राणों पर आती है तब हममें विशेष शक्ति आ जाती है


सब शास्त्र रोटी कमाने के बारेमें क्या कहते थे ?

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જવાબ : अपनी रोटी जान बचाकर कमाओ


लोमड़ीने कुत्ते से क्या कहा ?

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જવાબ : तुम खरहे से हार गये


कुत्ते की देह के बारेमें लोमड़ीने क्या कहा ?

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જવાબ : इतनी मोटी देह होकर एक छोटे जीव को भी न पकड़ पाये


खरहा क्यूँ भाग रहा था ?

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જવાબ : अपनी जान बचाने


कुत्ते के हिसाबसे वह क्यूँ दौड़ रहा था?

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જવાબ : केवल एक दिन का भोजन पाने


खरहा किस में रहता था?

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જવાબ : घने झुरमुट


कुत्ते और खरहे की दौड़ कितनी  मिनट तक चली?

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જવાબ : चार


कुत्ते की क्या सुनकर खरहा सोते से जागा?

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જવાબ : साँस


कुत्ते और खरहे की दौड़ कहा जारी रही?

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જવાબ : खेतमें


लोमड़ी ने क्या कहकर कुत्ते को संबोधित किया?

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જવાબ : मामा


सब.........जान बचाकर रोटी कमाने को सीख देते हैं।

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જવાબ : शास्त्र


संकट में प्राण बचाने के लिए क्या लगा देनी चाहिए?

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જવાબ : सारी शक्ति


खरहा कहाँ रहता था?

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જવાબ : खरहा एक वन में एक स्थान पर पास-पास घनी झाड़ियाँ थीं, खरहा उनमें छिपकर रहता था।


खरहा नींद से क्‍यों जाग गया?

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જવાબ : खरहा कुत्ते की साँस का स्वर सुनकर नींद से जाग गया।


कुत्ते और खरहे के बीच दौड़ कहाँ और कब तक चली ?

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જવાબ : कुत्ते और खरहे के बीच दौड़ वन में चार मिनट तक चली।


लोमड़ी क्‍या देख रही थी?

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જવાબ : लोमड़ी खेत में कुत्ते को खरहे का पीछा करते हुए तथा खरहे का बीहड़ बन में छिप जाना और कुत्ते का इधर-उधर सूँघकर वापस जाना देख रही थी।


रोटी कमाने के विषय में शास्त्रों में क्या बताया है? इस काव्य के आधार पर बताइए।

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જવાબ : रोटी कमाने के विषय में शास्त्रों में बताया गया है कि अपनी जान बचाकर रोटी कमाना चाहिए, रोटी के लिए जान को खतरे में नहीं डालना चाहिए।


निम्नलिखित पंक्तियों का भाव स्पष्ट कीजिए :

कहते हैं सब शास्त्र, कमाओ रोटी जान बचाकर,

पर संकट में प्राण बचाओ, सारी शक्ति लगाकर।

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જવાબ : शास्त्रों में कहा गया है कि जान महत्वपूर्ण है। अपनी जीविका के लिए वही उद्यम करो, जिसमें जान पर कोई आँच न आए। पर जब जान पर संकट आ जाए, तो प्राण रक्षा के लिए अपनी पूरी शक्ति लगा दो। ऐसे अवसर पर शरीर में विशेष शक्ति आ जाती है।


खरहा कहाँ और कैसे रहता था?

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જવાબ : खरहा वन के भीतर एक घनी झुरमुट में रहता था। वह इस बात की सावधानी रखता था कि उस पर किसी की नजर न पड़े।


खरहा झाड़ी से क्‍यों भागा?

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જવાબ : एक दिन वन में एक शिकारी कुत्ता आ गया। वह वन की झाड़ियों में सूँघ-सूँघकर अपना शिकार खोजता था। शिकार की खोज में सूँघता-सूंघता वह उस झाड़ी के पास पहुँचा, जिसमें खरहा रहता था। कुत्ते की साँस का स्वर सुनकर जब उसकी आँख खुली तो वह अपनी जान लेकर भागा।


कुत्ता निराश क्‍यों हो गया?

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જવાબ : जब चार मिनट तक कुत्ता खरहे का पीछा करता रहा। अंत में सामने एक घनी कँटीली झाड़ी देखकर खरहा छलाँग लगाकर उसमें घुस गया। कुत्ते के लिए कँटीली झाड़ी में घुसना संभव नहीं था। इसलिए वह निराश हो गया।


कुत्ते और खरहेवाली घटना को देखनेवाली लोमड़ी ने कुत्ते से क्या कहा?

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જવાબ : कुत्ता चार मिनट तक खुले खेत में खरहे का पीछा करता रहा, पर वह उसे पकड़ नहीं पाया। तभी सामने कँटीली झाड़ी देखकर खरहा उसमें घुस गया। इस घटना को देखनेवाली लोमड़ी ने कुत्ते से कहा, “इतने मोटे-ताजे हो, फिर भी थक जाते हो और वन के जीव-जंतुओं को भी नहीं पकड़ पाते।''


कुत्ते ने लोमड़ी को क्‍या उत्तर दिया?

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જવાબ : लोमड़ी ने कुत्ते से कहा कि वह इतना मोटा-ताजा है, फिर भी थक जाता है और छोटे-छोटे जीव-जंतुओं को भी नहीं पकड़ पाता। यह सुनकर कुत्ते ने कहा, “यह बात नहीं है। वास्तव में मैं अपने भोजन के लिए दौड़ रहा था, पर खरहा अपनी जान बचाने के लिए अपनी सारी शक्ति लगाकर भाग रहा था। इसलिए मैं उसे नहीं पकड़ पाया।


रोटी कमाने के विषय में शास्त्रों में क्या बताया है? – ‘कुत्ते की सीख काव्य के आधार पर बताइए।

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જવાબ : शास्त्रों ने कहा है कि अपनी जान बचाकर ही रोटी कमाना चाहिए। रोटी के लिए जान को खतरे में नहीं डालना चाहिए। इस कथाकाव्य में भी कुत्ता और खरगोश के जरिए यही सीख दी गई है।


कुत्ते ने लोमड़ी को भेद की कौन-सी बात बताई?

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જવાબ : कुत्ते ने लोमड़ी को भेद की बात बताई कि वह अपने भोजन के लिए खरहे के पीछे दोड़ रहा था, लेकिन खरहा अपनी जान बचाने के लिए भाग रहा था। इसलिए वह अपनी जान पर खेलकर कँटीली झाड़ी में कूद गया और उसने अपनी जान बचा ली। पर मैं जान पर खेलकर कैटीली झाड़ी में नहीं घुस सकता था।


कुत्ते की सीखकाव्य से क्‍या बोध मिलता है?

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જવાબ : कुत्ते की सीखकाव्य में एक शिकारी कुत्ता एक खरहे का पीछा करता है और खरहा अपनी जान बचाने के लिए भागता हुआ एक कँटीली झाडी में छिप जाता है और इस तरह उसकी जान बच जाती है।

हमे इस काव्य से यह बोध मिलता है कि चाहे छोटा जीव हो या क्रमजोर हो या शक्तिशाली, जब उसके प्राणों पर बन आती है, तो उसमें अद्‌भुत शक्ति आ जाती है। व्यक्ति को संकट के समय अपनी सारी शक्ति लगाकर अपनी जान बचानी चाहिए।


'कुत्ते की सीख' को कहानी के रूप में लिखिए।

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જવાબ : एक जंगल में एक घनी झुरमुट में एक खरगोश छिपकर रहता था। वह चुनकर नर्म-नर्म घास खाता था और अगर किसी को देखता, तो वह झाड़ी में छिप जाता था। एक बार जंगल में एक शिकारी कुत्ता वह शिकार की खोज में झाड़ी-झाड़ी सूँघने लगा। वह सूँघते-सूँघते उस झुरमुट के पास पहुँचा, जिसमें खरगोश रहता था। आहट पाते ही खरगोश भाग खड़ा हुआ। कुत्ता लगातार चार मिनट तक खुले खेत में उसका पीछा करता रहा, पर वह उसे पकड़ नहीं सका। तब तक सामने एक कँटीली झाड़ी आई और खरगोश छलाँग लगाकर उसमें छिप गया।

कुत्ता इधर-उधर सूँघकर निराश होकर वापस जाने लगा। एक लोमड़ी खड़ी-खड़ी यह सारी घटना देख रही थी। उसने कुत्ते से कहा, मामा, तुम हार गए। तुम इतने मोटे-ताजे हो, पर वन के छोटे-छोटे जीव-जंतुओं को भी नहीं पकड़ पाते।कुत्ते ने लोमड़ी से कहा, “ अरे पगली, तुम इस रहस्य को नहीं समझ सकती। मेरे और खरहे के दौड़ने में अंतर है। मैं उसके पीछे अपने भोजन के लिए दौड़ रहा था, जबकि खरहा अपनी जान बचाने के लिए भाग रहा था। कहा गया है कि कोई भी उद्यम करो तो जान बचाकर करो, पर संकट आने पर अपनी पूरी ताकत लगाकर अपनी जान बचाने की कोशिश करो।”


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कुत्ते की सीख


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