GSEB Solutions for ધોરણ ૧૦ Hindi

GSEB std 10 science solution for Gujarati check Subject Chapters Wise::

मालती की आवाज सुनकर बिन्दू की चाल में.............।

Hide | Show

જવાબ : तेजी आ गई


असली बात जानने का यह तरीका नहीं है। यह कोन कहेता है?

Hide | Show

જવાબ : नंदन


देख लेना, एक दिन यही बिन्दू घर में से...............उठाकर न ले जाए तो मेरा नाम मालती नहीं।''

Hide | Show

જવાબ : ट्रंक


अरे, वह तो नदीवाली कोटरी में पड़ा है।यह वाक्य कौन कहता है?

Hide | Show

જવાબ :  कुंदन


नंदन ने पत्नी की बात सुनी तो उसके चेहरे पर.............आ गई।

Hide | Show

જવાબ : प्रसन्‍नताभरी मुस्कुराहट


कूड़ा फेंकने की जगह पर नंदन और मालती को क्‍या दिखा?

Hide | Show

જવાબ : थोड़ा-सा काजू और किशमिशें


नन्दन ने बिन्दु को कमरे में ले जाकर क्या किया ?

Hide | Show

જવાબ : बिन्दु को एक मुठठी मेवा दिया


नन्दनकी बिन्दु के प्रति नरमी देखकर मालतीने क्या किया ?

Hide | Show

જવાબ : मालती आग-बबूला हो गई


बिन्दु ने मेवे का क्या किया था ?

Hide | Show

જવાબ : फेंक दिया


बिन्दु का जवाब सुनकर मालती ने क्‍या सूज़ाव दिया ?

Hide | Show

જવાબ : बिन्दु को पुलिस में दे देने का


बिन्दु कमरे से क्या लाया था ?

Locked Answer

જવાબ : मेवा


मालतीने बिन्दु के हाथ को कैसे देखा ?

Locked Answer

જવાબ : बिन्दु के दूसरे हाथ की मुठठी बंधी थी 


बिन्दु के हाथ की बांध मुठठी देखकर मालतीने क्या सोचा ?

Locked Answer

જવાબ : बिन्दु कमरे से कुछ लाया है


नन्दन कमरे से बाहर आया तो उसने क्या देखा ?

Locked Answer

જવાબ : बिन्दु लौटकर आ रहा था


नन्दन के हिसाब से किस बात से चोरी की भावना को जन्म मिलता है ?

Locked Answer

જવાબ : जो सबको नहीं मिलती ऐसी चीजें खाने से


मालती की आवाज़ सुनकर बिन्दुने क्या किया ?

Locked Answer

જવાબ : बिन्दु की चाल में तेज़ी आ गयी


कोठरी में बिन्दु क्या कर रहा था ?

Locked Answer

જવાબ : भूखा-प्यासा कोठरी में पड़ा था


मालतीने बिन्दु को चौके में ले जाकर क्या किया ?

Locked Answer

જવાબ : स्वयं परोसकर खाना खिलाया


बिन्दु के बारे में सुनकर मालतीने क्या किया ?

Locked Answer

જવાબ : पैरो में चप्पल डालकर बिन्दु को लेने चली गई


कुन्दनने मालती को बिन्दु के बारे में क्या बताया ?

Locked Answer

જવાબ : वह नदीवाली कोठरीमें पड़ा है


मालती ने बिन्दु के बारे में किसको पूछा ?

Locked Answer

જવાબ : कुंदन को


मालती ने देखा कि बिन्दू के एक हाथ में झाडू है; पर...

Locked Answer

જવાબ : दूसरे हाथ की मुट्ठी बंधी है।


मालती ने देखा कि उसकी पुकार पर बिन्दू की चाल में ...

Locked Answer

જવાબ : कुछ तेजी आ गई है।


मालती ने चिढ़कर कहा...

Locked Answer

જવાબ : इसे पुलिस में दे दो।


नन्दन ने मालती को शान्त कर क्या कहा ?

Locked Answer

જવાબ : असली बात जानने का यह तरीका नहीं है।


हम क्‍यों ऐसी चीजें खाएँ...

Locked Answer

જવાબ : जो सबको नहीं मिलती?


चोरी अच्छी नहीं हे, पर...

Locked Answer

જવાબ : आज की स्थिति बड़ी लाचारी की हो गई है।


चोरी करना अच्छा नहीं है, परंतु आज की स्थिति कैसी हो गई है?

Locked Answer

જવાબ : बड़ी लाचार


कुंदन ने काका के घर से क्या चुराया था?

Locked Answer

જવાબ : अनाज


नंदन के अनुसार किस का अंत नहीं था?

Locked Answer

જવાબ : बहस


मालती किस को कोसने लगी?

Locked Answer

જવાબ : खुद


एक बार नीयत बिगड़ी तो फिर क्या नहीं रुकता?

Locked Answer

જવાબ : हाथ


मालती ने बिन्दू को कहा खाना खिलाया?

Locked Answer

જવાબ : चौके पर


बिन्दू को अपने कमरे में ले जाकर नंदन ने कितना मेवा दिया?

Locked Answer

જવાબ : मुठ्रीभर


मालती ने बिन्दू के साथ कैसा व्यवहार किया?

Locked Answer

જવાબ : स्नेहपूर्ण


व्यक्ति को वस्तु उपलब्ध नहीं होती तो वह किस से प्राप्त करने में नहीं हिचकता?

Locked Answer

જવાબ : चोरी


बिन्दू की आँखें...........आईं।

Locked Answer

જવાબ : डबडबा


मालती के मन में बिन्दू के प्रति क्या आशंका हुई ?

Locked Answer

જવાબ : मालती के मन में बिन्दू के प्रति यह आशंका हुई कि वह अपनी मुट्ठी में घर की कोई कीमती चीज दबाए जा रहा है।


मालती को शांत करते हुए नंदन ने क्‍या कहा?

Locked Answer

જવાબ : मालती बिन्दू को उल्टी-सीधी बातें सुनाने लगी, तो नंदन ने उसे शांत करते हुए कहा कि असली बात जानने का यह तरीका नहीं|


कूडा फेंकने की जगह पर नंदन और मालती को क्या दिखा ?

Locked Answer

જવાબ : कूड़ा फेंकने की जगह पर नंदन और मालती को थोड़े से काजू और थोड़ी किशमिशें पड़ी दिखीं।


कुंदन ने काका के घर से क्या चुराया था?

Locked Answer

જવાબ : कुंदन ने काका के घर से गेहूँ चुराया था।


चोरी के बारे में नंदन का क्‍या विचार था? अथवा चोरी के विषय में नंदन ने मालती से क्‍या कहा?

Locked Answer

જવાબ : चोरी के विषय में नंदन ने मालती से कहा कि जब तक सब चीजें सबको नहीं मिलतीं, तब तक चोरी बंद नहीं हो सकती। चोरी अच्छी नहीं है पर आज की स्थिति लाचारी की हो गई है।


मालती के संदेह की पुष्टि कब हो गई?

Locked Answer

જવાબ : मालती के संदेह की पुष्टि तब हो गई जब उसके पुकारने पर बिन्दू ठहरने के बदले दौड़ने लगा।


मालती ने बिन्दू को पुलिस में देने के लिए क्‍यों कहा ?

Locked Answer

જવાબ : मालती ने बिन्दू को पुलिस में देने के लिए कहा, क्योंकी बार-बार पूछने पर भी वह सच नहीं बता रहा था।


नीयत के बारे में मालती ने क्या कहा?

Locked Answer

જવાબ : नीयत के बारे में मालती ने कहा कि एक बार नौकर की नीयत बिगड़ी, तो फिर हाथ रुकता नहीं है।


नंदन ने बिन्दू से चोरी की बात किस प्रकार मालूम की?

Locked Answer

જવાબ : नंदन ने बिन्दू को प्यार से समझाकर कहा कि वह सच-सच बता दे कि अपनी मुट्ठी में क्या ले गया है, उसे कोई कुछ नहीं कहेगा। इस तरह नंदन ने बिन्दू को भरोसा दिलाकर उससे चोरी की बात मालूम की।


बिन्दू ने अपने दोष का किस प्रकार पश्चात्ताप किया ?

Locked Answer

જવાબ : बिन्दू कमरे में नीचे पड़े थोड़े-से मेवे उठा लाया था, पर उसे लग रहा था जैसे उसने दुनिया का बहुत बड़ा पाप कर डाला हो। बिन्दू अपने दोष का पश्चात्ताप करने के लिए भूखा-प्यासा एकांत में एक कमरे में मुँह छिपाकर पड़ा रहा।


बिन्दू के न दिखने पर मालती को क्या चिंता हुई ?

Locked Answer

જવાબ : मालती ने घर-बाहर सभी जगह छान मारा, उसे बिन्दू का कहीं पता नहीं चला। दोपहर बीत गई और शाम होने को आई थी, पर बिन्दू नहीं लौटा। मालती को अच्छा नहीं लगा। वह चिंता करने लगी बेचारे ने से कुछ नहीं खाया था। भूखा-प्यासा जाने कहाँ भटक रहा होगा।


नौकर के संबंध में नंदन और मालती के विचारों में कया अंतर था?

Hide | Show

જવાબ : नंदन की नजर में नौकर (बिन्दू) चोर नहीं है। वे अपने आपको तथा मालती को ही चोर मानते हैं, जिनके कारण बिन्दू में चोरी की भावना का जन्म हुआ। उनके विचार से सबको सब चीजें मिलनी चाहिए। हमने उसे नहीं दिया इसलिए बिन्दू को यह चोरी करनी पड़ी।

मालती की नजर में बिन्दू एक चोर नौकर है और वह झूठ बोलता है। बिन्दू उन अन्य नौकरों की तरह है, जो घरों में छोटी-मोटी चोरियाँ करते-करते बड़ी-बड़ी चोरियाँ करने लगते हैं। उसके साथ नरमी से पेश न आकर कड़ाई से पेश आना चाहिए।


चोरी का पता लग जाने पर नंदन ने बिन्दू के साथ कैसा व्यवहार किया? क्‍यों?

Locked Answer

જવાબ : नंदन के आत्मीय व्यवहार से बिन्दू ने स्वीकार कर लिया कि कमरे में नीचे गिरा थोड़ा-सा मेवा वह उठा लाया था। नंदन को यह सुनकर जरा भी गुस्सा नहीं आया, बल्कि वह बिन्दू को लेकर कमरे में गया और कनस्तर से एक मुट्ठी मेवा निकालकर उसने बिन्दू को खाने के लिए दिया। नंदन इस विचारधारा के हैं कि सब चीजें सबको मिलनी चाहिए।


बिन्दु के प्रति सहानुभूति जगने पर मालती ने क्‍या किया ?

Locked Answer

જવાબ : दोपहर बीती और शाम होने को आई, पर बिन्दू अब तक नहीं लौटा। यह सोचकर मालती को चिंता होने लगी। बेचारा भूखा-प्यासा जाने कहाँ भटक रहा होगा।' उसके मन में बिन्दू के प्रति सहानुभूति जग गई। उसने कमरे से बाहर आकर देखा, बगीचे में चक्कर लगाया कि कहीं पेड़ के नीचे पड़ा सो न रहा हो। फिर वह अपने आप को कोसने लगी कि उसने छोटी-सी बात को इतना तूल क्‍यों दिया। तभी उसे कुंदन से पता चला कि बिन्दू नदीवाली कोठरी में पड़ा है। सुनते ही वह तुरंत जाकर वहाँ से बिन्दू को उठाकर ले आई। वह उसे चौके में ले गई और स्वयं परोसकर उसे भरपेट खाना खिलाया।


लातों के देव बातों से नहीं मानते हैं।

Locked Answer

જવાબ : हमारे समाज में दो तरह के लोग होते हैं। कुछ लोग प्रेम से कहने पर कोई काम करते हैं, तो कुछ लोग लाख समझाने पर भी वह काम नहीं करते। लेकिन मारने या डाँटने पर वे उस काम को करने के लिए तैयार हो जाते हैं। ऐसे लोग प्रेम की भाषा नही समझते। उनके साथ नरमी का व्यवहार न कर कड़ाई से काम लेना पडता हे। उनके साथ उसी भाषा में व्यवहार करना चाहिए जिस भाषा को वे समझते हैं।


हम क्यों ऐसी चीज खाएँ, जो सबको नहीं मिलती, इसी से तो चोरी की भावना को जन्म मिलता है।

Locked Answer

જવાબ : मनुष्य का स्वभाव है कि वह किसी व्यक्ति को किसी वस्तु का इस्तेमाल करते हुए देखता है, तो उसे पाने की उसकी भी इच्छा हो जाती है। यदि वह वस्तु उसे उपलब्ध नहीं होती, तो वह चोरी से उसे प्राप्त करने में भी नहीं हिचकता। इसलिए जब तक सब चीजें सबको नहीं मिलती, चोरी बंद नहीं हो सकती। चोरी की भावना पनपने न देने का क उपाय यह हे कि लोगों को ऐसी चीजों का उपयोग करने से बचना चाहिए, जो सबको उपलब्ध नहीं हो पातीं।


There are No Content Availble For this Chapter

Download PDF

Take a Test

Choose your Test :

चोरी


Browse & Download GSEB Books For ધોરણ ૧૦ All Subjects

The GSEB Books for class 10 are designed as per the syllabus followed Gujarat Secondary and Higher Secondary Education Board provides key detailed, and a through solutions to all the questions relating to the GSEB textbooks.

The purpose is to provide help to the students with their homework, preparing for the examinations and personal learning. These books are very helpful for the preparation of examination.

For more details about the GSEB books for Class 10, you can access the PDF which is as in the above given links for the same.