GSEB Solutions for ધોરણ ૧૦ Hindi

GSEB std 10 science solution for Gujarati check Subject Chapters Wise::

जीवन की समस्या को किसने ठीक समझा?

Hide | Show

જવાબ : चीनियों ने


मनुष्य जीवन को किस काम में लाया जाना चाहिए?

Hide | Show

જવાબ : हँसी-खुशी में बिताने


आदमी ज्यादा धार्मिक, फिलासफर और सदाचारी लगता ऐसा लोग कब समझते हैं?

Hide | Show

જવાબ : जब वह बुझे दिल हो


सबसे विकट काम क्‍या है ?

Hide | Show

જવાબ : जीते रहेना


चीनियों के हिसाब से दुनियामें सबसे बुध्धिमान आदमी कौन है ?

Hide | Show

જવાબ : जो सबसे ज्यादा खुश रहेता है


हमारे सुख-दुःखका दूसरों पर क्‍या असर होता है ?

Hide | Show

જવાબ : हमारे सुख-दुख की छूत दूसरों को भी लगती है


जीवन की सबसे बड़ी गुत्थी कैसे सुलज़ाई जा शकती है ?

Hide | Show

જવાબ : जीते रहेने का मुश्किल काम करके


लोग हमेशा किस खोजमें लगे रहते हें ?

Hide | Show

જવાબ : कैसे जीवनको बड़े-बड़े कामों के लिये काम में लाए


सबसे बड़ा काम क्‍या है ?

Locked Answer

જવાબ : जीवन को हंसी-खुशी में काट देना


जीवन का सबसे महान काम कैसे सीखा जा सकता है ?

Locked Answer

જવાબ : संसार की हर परिस्थिति में प्रसन्न रहेके


हमारा कर्तव्य क्‍या है ?

Locked Answer

જવાબ : न हम उदास रहें, न दूसरों को उदास करें


आंद्री गीद के अनुसार हमारा नैतिक उत्तरदायित्व कया है ?

Locked Answer

જવાબ : खुश रहना


सबसे सरल काम क्‍या है?

Locked Answer

જવાબ : मर जाना


कलामजी के अनुसार हमारा जीवन क्या है?

Locked Answer

જવાબ : एक शीशाघर


शीशाघरमें अगर एक चहेरे पर छाया आ जाती है तो क्या होता है ?

Locked Answer

જવાબ : वही छाया सैकडो चहेरों पर छा जायेगी


हम दूसरों को कैसे खुश कर शकते हैं?

Locked Answer

જવાબ : खुद खुश रहकर


ज्ञान और पवित्रता के लिए क्‍या अनिवार्य हो गया ?

Locked Answer

જવાબ : दुःखका जीवन


धर्म, फ़िलासफ़ी और सदाचारने जीवन की समस्या हल करनी चाही तो क्‍या हुवा ?

Locked Answer

જવાબ : तीनों में खुद जीवन के विरूध्ध भाव उत्पन्न हो गया


हम खुद कैसे खुश होने लगते हें ?

Locked Answer

જવાબ : दूसरों को खुश देखकर


लेखक सबसे बड़ा काम किसे मानते है?

Locked Answer

જવાબ : जीवन जीने को मानते है।


आदमी ज्यादा धार्मिक, फिलासफर ओर सदाचारी लगता है, ऐसा लोग समजेंगे जब वह ...

Locked Answer

જવાબ : बुझे दिल हो।


दुनिया का सबसे बड़ा बुद्धिमान कौन है?

Locked Answer

જવાબ : जो सबसे ज्यादा खुश रहता है।


हर आदमी क्या है?

Locked Answer

જવાબ : पूर्णसंग्रह का अंश है।


आंद्री गीद कौन है ?

Locked Answer

જવાબ : फ्रांसीसी लेखक है।


जो ज्यादा खुश रहता है, वह दुनिया का सबसे कैसा व्यक्ति है?

Locked Answer

જવાબ : बुद्धिमान


फ्रांसीसी लेखक का नाम क्‍या था?

Locked Answer

જવાબ : आंद्री गीद


हर आदमी किसका अंश है?

Locked Answer

જવાબ : हर आदमी पूर्ण संग्रह का अंश है।


लेखक के हिसाब से जीते रहना कैसा काम है?

Locked Answer

જવાબ : लेखक के हिसाब से जीते रहना  सबसे बड़ा काम है।


मर जाना लेखक के हिसाब से कैसा काम है?

Locked Answer

જવાબ : मर जाना लेखक के हिसाब से छोटा काम है।


किस ने जीवन की समस्या को ठीक से समझा था?

Locked Answer

જવાબ : प्राचीन चीनियोंने जीवन की समस्या को ठीक से समझा था।


जीवन की सबसे बड़ी गुत्थी कैसे सुलझायी जाय?

Locked Answer

જવાબ : हँसी-खुशी से जीवन जीकर जीवन की सबसे बड़ी गुत्थी को सुलझाया जा सकता हे।


जीवन की समस्या को किसने ठीक समझा था?

Locked Answer

જવાબ : चीनियों ने जीवन की समस्या को ठीक से समझा था।


दुनिया में सबसे बड़ा बुद्धिमान कौन है?

Locked Answer

જવાબ : जो सबसे ज्यादा खुश रहता है, वह दुनिया में सबसे बड़ा बुद्धिमान है।


कौन-सी कला सबसे आवश्यक है?

Locked Answer

જવાબ : प्रसन्‍न रहने की कला सबसे आवश्यक है।


लेखक की दृष्टि से सबसे बड़ा काम कौन-सा है?

Locked Answer

જવાબ : लेखक की दृष्टि से सबसे बड़ा काम जीवन जीने का है।


किसकी छूत दूसरों को भी लग सकती है?

Locked Answer

જવાબ : सुख-दुःख की छूत दूसरों को भी लग सकती है।


फ्रांसीसी लेखक आंद्री गीद ने क्या लिखा है?

Locked Answer

જવાબ : फ्रांसीसी लेखक आंद्री गीद ने लिखा हे कि - 'खुश रहना केवल जरूरत नहीं है, यह एक नेतिक उत्तरदायित्व भी है'


प्रसन्न रहने की कला क्‍या है?

Locked Answer

જવાબ : जीवन का उद्देश्य आनंद प्राप्त करना है। इसके लिए प्रसन्‍न रहना बहुत जरूरी हे। खिले हुए सुंदर फूल, बहते हुए झरने, गाते हुए पेडो, पेडो का नृत्य, टिमटिमाते तारे, चाँद के हँसते चेहरे और चमकते सुरज आदि को देखकर हम प्रसन्न होते हैं। प्रसन्‍न रहने के लिए इनका अवलोकन करना चाहिए।


खुश रहना केवल एक जरूरत नहीं, यह एक नैतिक उत्तरदायित्व भी है - कैसे?

Locked Answer

જવાબ : मनुष्य के व्यक्तिगत जीवन का प्रभाव उस तक ही सीमित नही रहता। यह दूसरों पर भी पड़ता है। सुख-दु:ख की छूत दूसरों को भी लगती है। हम उदास रहेंगे, तो हमें देखकर दूसरे भी उदास होंगे। हम खुश रहेंगे, तो हमें देखकर दूसरे भी खुश होंगे। इस तरह खुश रहना केवल एक जरूरत ही नहीं, यह एक नैतिक उत्तरदायित्व भी है।


हमारी खुशी हमें कब खुश नहीं कर सकती ?

Locked Answer

જવાબ : हम जो कुछ अपने लिए करते हैं, उसमें भी दूसरों का भाग होता है। हम खुद खुश होकर दूसरों को खुश करते हैं और दूसरों को खुश देखकर खुद खुश होने लगते हैं। लेकिन जब हमारे चारों तरफ उदास चेहरें जमा हो जाएं, तब हमारी अपनी खुशी हमें खुश नहीं कर सकती।


आदमी का जीवन उसकी अपनी व्यक्तिगत जायदाद क्यों नही है?

Hide | Show

જવાબ : हमारा जीवन एक शीशाघर है। हम जो भी करते हैं,  उसका प्रतिबिंब एक ही समय में सैकड़ों लोगों पर पड़ता है। हर आदमी पूर्वसंग्रह का अंश है। वह जो कुछ अपने लिए करता है, उसमें दूसरों का भाग होता है। दूसरे लोग जो कुछ करते हैं उससे वह प्रभावित होता है। इसलिए आदमी का जीवन उसकी अपनी व्यक्तिगत जायदाद नहीं है।


हम बुझे हुए दिल और सूखे हुए चेहरे के साथ कहाँ स्थान नहीं प्राप्त कर सकते?

Locked Answer

જવાબ : बुझे हुए दिल और सूखे हुए चेहरे धर्म, फिलासफी और सदाचार के प्रतीक माने जाते हैं। जिस चित्र में सूरज का चमकता हुआ मस्तक, चाँद का हँसता हुआ चेहरा, तारों की झिलमिलाती हुई आँखें, पेंडो का नूत्य, पंछियों का संगीत, बहते हुए पानी की तरंगें तथा खिलते हुए फूलों की बहारें अपनी शोभा दिखा रही हों, वहाँ हम बुझे हुए दिल और सूखे हुए चेहरों के साथ स्थान नहीं प्राप्त कर सकते।


निम्नलिखित कथन का आशय स्पष्ट कीजिए।

खुश रहना केवल एक जरूरत नहीं है, यह एक नैतिक उत्तरदायित्व भी हैं''

Locked Answer

જવાબ : लेखक, का मत है कि मनुष्य को हर स्थिति में प्रसन्न रहना चाहिए। प्रसन्‍न रहने की कला सीख लेने पर अन्य किसी भी कला को सीखने की आवश्यकता नहीं होती। वे फ्रांसीसी लेखक आंद्री गीद के कथन का उल्लेख करते हुए कहते हैं कि खुश रहना मनुष्य की जरूरत ही नहीं है, बल्कि यह उसका नैतिक उत्तरदायित्व है। हमारे सुख-दुःख की छूत दूसरों को भी लगती है। इसलिए हमारा कर्तव्य है कि न हम उदास हों और न दूसरों को उदास करें। हम खुश रहेंगें तो अन्य भी खुश रह सकते हैं। एक अच्छे समाज के लिए खुश रहना हमारी नैतिक जिम्मेदारी है।


There are No Content Availble For this Chapter

Download PDF

Take a Test

Choose your Test :

जीने की कला


Browse & Download GSEB Books For ધોરણ ૧૦ All Subjects

The GSEB Books for class 10 are designed as per the syllabus followed Gujarat Secondary and Higher Secondary Education Board provides key detailed, and a through solutions to all the questions relating to the GSEB textbooks.

The purpose is to provide help to the students with their homework, preparing for the examinations and personal learning. These books are very helpful for the preparation of examination.

For more details about the GSEB books for Class 10, you can access the PDF which is as in the above given links for the same.