જવાબ : कृष्ण
જવાબ : स्वर्ग
જવાબ : हिमालय
જવાબ : कृष्णने
જવાબ : वसुधैव कुटुंबकम
જવાબ : शांतिनिकेतन
જવાબ : हिमालय
જવાબ : स्वर्ग
જવાબ : यूध्धजर्जर
જવાબ : चेतना, ज्ञान
જવાબ : गंगा यमुना जल
જવાબ : गंगा तथा यमुना
જવાબ : भगवद्गीता
જવાબ : सीता, राधा, अहल्या की
જવાબ : शांतिदायक गृह
જવાબ : सुमित्रानंदन पंत
જવાબ : प्रकृति
જવાબ : हमारी जन्सभूमि भारतमाता स्वर्ग से भी अधिक श्रैष्ठ है।
જવાબ : जिनकी आभा से मानव-जाति आलोकित है।
જવાબ : युद्ध की विभीषिका से त्रस्त और जर्जर हो चुका है।
જવાબ : ज्योति
જવાબ : जन्मभूमि
જવાબ : शिला
જવાબ : जर्जर
જવાબ : स्वर्ग
જવાબ : हिमालय
જવાબ : जन-जन के हृदय में गंगा-यमुना जैसी नदियाँ बसी हैं।
જવાબ : कृष्ण ने 'भगवद्गीता' ग्रंथ की रचना की।
જવાબ : 'जन्मभूमि' काव्य में सावित्री और राधा जैसी महान नारियों कि एवम् तपस्विनी अहल्या की बात बताई गई है।
જવાબ : शांतिनिकेतनं एक तपोवन है, जहाँ ज्ञानी ऋषि-मुनि ध्यानमग्न होकर ज्ञानरूपी नभमंडल में विचरण करते है।
જવાબ : पर्वतराज हिमालय हमारे देश का गौरव है। यह संसार के सब पर्वतों से बड़ा और ऊँचा है। कविता में इसे भारत का गौरवशाली भाल (कपाल) कहा गया है।
જવાબ : कवि ने भारत की धरती को सुनहरी कहा है। कवि ने कहा है कि हमारी धरती सदा प्रफुल्लित और पुलकित रहती है। इस धरती को राम, लक्ष्मण और सीता अपने पैरों की धूल से पवित्र बना गए है।
જવાબ : शांति, सत्य और अहिंसा का प्रचार करनेवाले भारतीय महापुरुषों के नाम इस प्रकार हैं - गौतम बुद्ध, महावीर एवं महात्मा गांधी।
જવાબ : कवि ने बताया है की मनुष्य को अपनी जन्मभूमि से बहुत लगाव होता है। वह कहीं भी रहे, पर उसका मन अपनी जन्मभूमि में पहुँचने के लिए लालायित रहता है। अपनी जन्मभूमि की धरा, नदियाँ, पर्वत, महापुरुष, महान नारियाँ, परंपराएँ, रीति-रिवाज उसे बाँधे रहते हैं। वह अपनी जन्मभूमि के लिए अपना सर्वस्व त्याग करने के लिए तैयार रहता है। इस तरह कवि ने जन्मभूमि को स्वर्ग से महान बताया है।
જવાબ : 'जन्मभूमि' कविता में कवि ने भारतभूमि को स्वर्ग से भी महान बताया है। कवि ने हिमालय को भारतभूमि का भाल बताया है। यहाँ गंगा-यमुना जैसी पवित्र नदियाँ हैं। भारत की धरती सुनहरी ओर हरी-भरी हे। राम-लक्ष्मण-सीता ने इसे अपने चरण-रज से पवित्र किया है। भगवान कृष्ण ने इस धरती पर 'भगवदगीता' की रचना की थी। सावित्री, राधा तथा अहल्या जैसी महान नारियों की आभा से मानव-जाति आलोकित हे। ऋषि-मुनियों ने ध्यान, तपस्या से अदभुत ज्ञान प्राप्त किए हैं। भारत जग में भ्रातृ-भावना और ‘वसुधैव कुटुंबकम्' के प्रसार की दिशा में कार्यरत है।
જવાબ : भारत में अनेक महान नारियाँ हुई हैं। सीता, सावित्री और अहल्या की गणना महान नारियों में की जाती हे। सीताजी अपने पति राम के साथ 14 वर्ष वन में रहीं। इस दौरान उन्हें तरह-तरह के कष्ट सहने पड़े पर वे अपने पतिव्रत धर्म पर सदा अडिग रहीं और उनका जीवन भारतीय नारी के लिए आदर्श बन गया। सावित्री महान पतिव्रता नारी थीं। उन्होंने यम से अपने पति का प्राण छुड़वाया था। अहल्या गौतम ऋषि की पत्नी थीं। पति के शाप के कारण वे शिला बन गई थीं। श्रीराम के चरण-स्पर्श से अहल्या का उद्धार हुआ था। सीता, सावित्री और अहल्या हमारे देश की महान नारियाँ थीं।
જવાબ : भारत एक शांतिप्रिय देश है। सत्य, अहिंसा हमारे राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के आदर्श सिद्धांत थे। हमारा देश इस आदर्श का अक्षरश: पालन करता है। जब भी कभी विश्व में किसी देश में शांति भंग होती है, तो भारत सबसे पहले आगे आकर शांति स्थापित करने की दिशा मे पहल करता है। भारत की शांति-सेना राष्ट्रसंघ के तत्वावधान में शांति स्थापित करने का कार्य करती है। शांति स्थापित करने में सदा अग्रणी रहने के कारण भारत को ‘विश्व शांतिदूत’ कहा जाता है।
જવાબ : मनुष्य के शरीर में उसका भाल यानी कपाल सबसे महत्वपूर्ण अंग माना जाता है। हिमालय संसार में सबसे बड़ा और सबसे ऊंचा पहाड है। इसे भारत का सिर कहा जाता है। इस तरह हिमालय भारत का गौरव हे।
જવાબ : गौतम ऋषि की पत्नी तपस्विनी अहल्या पति के शाप के कारण शिला के रूप में परिवर्तित हो गई थी। एक जीती-जागती सती चेतन से जड़ बन गई। वर्षों बाद राम के चरण-स्पर्श से वह पुनः चेतनावस्था में आई थी।
જવાબ : आज विश्व में चारों ओर युद्ध का माहौल है। पर भारत मानव जाति को युद्ध से छुटकारा दिलाने के लिए सुझाव के द्वारा विश्व में शांति का प्रचार करने में लगा है। वह पृथ्वी पर रहनेवाले सभी लोगो को परिवार की तरह मिल-जुलकर रहने की सीख दे रहा है।
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