જવાબ : कश्मीर
જવાબ : शहनाई
જવાબ : मुलायम
જવાબ : शीतल
જવાબ : मालिन
જવાબ : शिकारे
જવાબ : कश्मीर में
જવાબ : शहनार्द बजाता है
જવાબ : बदली में
જવાબ : नयी गज़ल गा जाती है
જવાબ : बजरी में
જવાબ : जब हवा आकर नयी गज़ल गाती है तब
જવાબ : तारोंवाले नभ की नीली मच्छरदानी में
જવાબ : नावों की
જવાબ : बागों की परछाईयां
જવાબ : गंभीर
જવાબ : मानो गीत का स्वर उभर कर आ रहा है।
જવાબ : शालीमार बाग खिल जाता है।
જવાબ : विल्हण की प्रेम-कथा के दर्शन होते हैं।
જવાબ : शेषनाग जैसा विशाल सरोवर है।
જવાબ : मानो जमीन पर हरे रंग की कालीन बीछी हुए हो।
જવાબ : विल्हण की
જવાબ : अमरनाथ की राहों में
જવાબ : भारत की बर्फीली पगड़ी
જવાબ : पश्मीना ध्वज फहर रहा है
જવાબ : कश्मीर
જવાબ : बिल्हण
જવાબ : देवदारु की छॉहो में
જવાબ : अमरनाथ
જવાબ : पगड़ी
જવાબ : कश्मीर
જવાબ : गीत
જવાબ : भौरे
જવાબ : धूप
જવાબ : वीरानों
જવાબ : कवि ने नावों की नगरी कश्मीर को कहा है।
જવાબ : कश्मीरी हवा गीत गाती है।
જવાબ : जंगल में तितली और टिटिहरियों के बीच होड़ लगी है।
જવાબ : कवि को चश्मे रूमानी और फूल हिमानी लगते हैं।
જવાબ : कश्मीर के प्रसिद्ध बाग का नाम शालीमार है।
જવાબ : शहनाई भौरे बजा रहे हैं।
જવાબ : कवि ने कश्मीर को बर्फीली पगड़ी कहा है।
જવાબ : पानी पर शिकारें चलते हैं तो पानी में आसपास के बगीचों की परछाइयाँ दिखाई देती हैं, शिकारों के चलने से ऐसा लगता है जैसे बागों की परछाइयाँ शिकारों के साथ-साथ चल रही है।
જવાબ : कश्मीर में हवा चलने पर वातावरण बहुत सुंदर हो जाता है। यहाँ की हवा में गीत-संगीत की स्वरलहरी का आभास होता है। ऐसा लगता है जैसे हवा में किसी नई-नई गज़ल का स्वर गूँज रहा हो।
જવાબ : पश्मीना ध्वज का अर्थ हे हमारा राष्ट्रीय तिरंगा झंडा। यह झंडा हमारे देश की शान, मान और हमारा प्राण है। इसके तले देश के सभी निवासी सुरक्षित हैं। यह सौम्य ढंग से नागरिकों की रक्षा का प्रतीक है।
જવાબ : कश्मीर की प्राकृतिक छटा मन को मोह लेनेवाली है। यहाँ अनेक झीलें और सरोवर हैं, जिनमें सैलानी सुंदर नावों में नौका-विहार का आनंद लेते हैं। नावें कश्मीर की पहचान हैं। इसीलिए कवि ने कश्मीर को नावों की नगरी कहा है।
જવાબ : कवि कश्मीर का फूलों की घाटी, नावों की नगरी के रूप में वर्णन करते हैं। यहाँ अनेक सुंदर सरोवर हैं, जिनमें सैलानी नौका-विहार का आनंद ले सकते हैं। शालीमार बाग को सैलानियों के आकर्षण का केंद्र बताया गया है। कश्मीर अत्यंत सुंदर और रमणीय प्रदेश है। इसकी प्राकृतिक रचना मन को मोह लेती है। झीलों के किनारे सूर्योदय का अनूठा दृश्य देखने को मिलता है। घाटी में मखमली गलीचों का अहसास दिलाती है। कहीं बस्ती है, तो कहीं वीरान मनभावन स्थान हैं। शीतल पानीवाले झरने और कोमल फूलों की भरमार है। घाटी में देवदारु के पेड़ों की शोभा निराली है। यहीं अमरनाथ की पवित्र गुफा और शेषनाग सरोवर हैं। कवि फूलों की घाटी और नावों की सुंदर नगरी में चलने के लिए लोगों का आहवान करते हैं।
જવાબ : कश्मीर में सुबह बहुत सुहानी होती है। सन-सन करती हुई शीतल हवा चलती है। शालीमार बाग सैलानियों से भरा रहता है। भौरे गुंजार करते रहते हैं। ऐसे सुहाने वातावरण में सूर्य की किरणें उभरती हुई दिखाई देती हैं। इस समय ऐसा लगता है, मानो झील के किनारे किरण मालिन का रूप धरकर अवतरित हुई हो और वह डलिया में धूप को भरकर ले आई हो। वह उस धूप को बजरी पर बिखेर रही हो।
જવાબ : कवि कश्मीर की प्रशंसा करते हुए कहते हैं कि यह भारतवर्ष की बर्फीली पगड़ी की तरह है। यहाँ की सुंदर घाटियों, अमरनाथ की राहों, शेषनाग के क्षेत्र देवदारु के हरे-भरे वृक्षों से आच्छादित हैं। इस क्षेत्र में सर्वत्र तिरंगा झंडा फहरा रहा है। आज कश्मीर में अशांति व्याप्त है। हमें उसकी जी-जान से रक्षा करनी है। दुश्मन का डटकर मुकाबला करना है। हमें इस बात का ध्यान रखना है कि कश्मीर पर किसी तरह कि आँच न आने पाए।
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