જવાબ : नवचेतना
જવાબ : अग्रदूत
જવાબ : अविराम चेतना लाना चाहते है
જવાબ : विजयोन्मादी क्रांति के
જવાબ : ज्योति
જવાબ : कवि किसे जगाना चाहते है ?
જવાબ : श्रमका
જવાબ : बुद्धिका
જવાબ : स्वर्ग
જવાબ : अग्रदूत
જવાબ : महाक्रांति
જવાબ : मजदूर और किसानको
જવાબ : पृथ्वी
જવાબ : गर्जना
જવાબ : संतोष
જવાબ : उन्नति
જવાબ : अविरत
જવાબ : किसान-मजदूर
જવાબ : स्वर्ग
જવાબ : उन्नति-पथ
જવાબ : संतोष
જવાબ : नवचेतना
જવાબ : हम कालरूपी जलधि के नाविक है।
જવાબ : कवि किसान-मजदूर को वंदनीय मानते हैं।
જવાબ : महाजागरण गर्जन से लोगों में निरंतर चेतना आएगी।
જવાબ : कवि ने जनशक्ति को जगाने का आह्वान किया है। उन्होंने जनशक्ति को संबोधित करते हुए कहा है कि वह खुद जाग्रत हो जाए और दूसरों को भी जागरूक करे, ताकि लोगों में चेतना पैदा की जा सके और पृथ्वी पर नए स्वर्ग की रचना हो तथा लोग उसमें सुख-शांति से रहें।
જવાબ : हम लोगों के दिलों से असंतोष की भावना दूर करके उनमें संतोष के भाव पैदा करेंगे। पृथ्वी पर हम लोगों को स्वर्ग! जैसी सुविधा प्रदान करेंगे। हम उन्नति के पथ पर आगे बढ़ते हुए लोगों का मार्गदर्शन करके नवयुग के अग्रदूत बन सकते हैं।
જવાબ : कवि कहते हैं कि हमें इस धरती पर स्वर्ग की रचना करनी है इसीलिए हमें महाजागरण का महान अभियान चलाना है। इससे हम लोगों में लगातार चेतना लाकर किसानों-मजदूरों को जागृत करेंगे इस प्रकार महाजागरण गर्जन से देश में चेतना आएगी।
જવાબ : कवि ने कहा है की मजदूर और किसान अपनी मेहनत से खेतों में अन्न उपजाते हैं और कल-कारखानों में तरह-तरह की वस्तुओं का निर्माण करते हैं, जिससे जनता का काम चलता है। कवि ने मजदूर और किसान के श्रम की वंदना कर उन्हें जाग्रत होने की प्रेरणा दी है।
જવાબ : 'हे जनशक्ति महान !’ गीत के माध्यम से कवि ने जनमानस को जागने और दूसरों में जागरूकता पैदा करने का संदेश दिया है। कवि पृथ्वी पर ऐसी दुनिया का निर्माण करना चाहते हैं, जहा लोग सुख-सुविधा के साथ शांतिपूर्ण ढंग से रह सकें। वे लोगों में समानता की भावना का प्रसार करना चाहते हैं।
જવાબ : कवि उपरोक्त पंक्तियों के माध्यम से कहना चाहते हैं कि हम नए जमाने के अग्रणी-जन हैं। हम समयरूपी सागर के असाधारण नाविक हैं। हम समानता का प्रकाश फैलानेवाले दीपक की ज्योति से निकले नए प्रकाश की भाँति हैं। हम क्रांति करनेवाले ऐसे सपूत हैं जिन पर विजय प्राप्त करने की सनक सवार है। हे गतिमान और प्रदिप जनशक्ति! तुम स्वयं जागो और दूसरों को भी जागरूक करो।
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